. नई दिल्ली। राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायड ने बहस्पतिवार को बताया कि बच्चों के खिलाफ बढते यौन उत्पीडन के अपराधों पर रोक के लिए विचार विमर्श करने तथा उपाय सुझाने के लिए उच्च सदन के सदस्यों का बनाया गया एक अनौपचारिक समह एक माह के अंदर अपनी रिपोर्ट देगा. बैठक शुरू होने पर सभापति ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए. इसके बाद उन्होंने सदन को सूचित किया कि बच्चों के खिलाफ बढते यौन उत्पीड़न के अपराधों का मुद्दा पिछले सप्ताह उठाए जाने पर उन्होंने उच्च सदन के सदस्यों का एक अनौपचारिक समूह बनाने का सुझाव दिया था. सभापति के अनुसार, उन्होंने कहा था कि कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य जयराम रमेश समह का समन्वय करेंगे. नायड ने सदन में कहा कि पोर्नोग्राफी की समस्या पर विचार विमर्श करने तथा इसके हल के उपाय सुझाने के लिए बनाए गए इस समह से उन्होंने चर्चा कर एक माह में रिपोर्ट देने के लिए कहा है. सभापति ने बताया कि इस समह में उच्च सदन में बीजद के सदस्य अमर पटनायक, कांग्रेस के जयराम रमेश, डॉ अमी याज्ञिक और प्रो राजीव गौडा, भाजपा के राजीव चंद्रशेखर, डॉ विनय सहस्रबुद्धे और रूपा गांगुली, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन, सपा की जया बच्चन, जदय की कहकशां परवीन, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, द्रमक के तिरुचि शिवा. राकांपा की वंदना चव्हाण तथा अन्नाद्रमक की विजिला सत्यानंद शामिल हैं. उन्होंने कहा कि पोर्नोग्राफी के मुद्दे पर गठित इस अनौपचारिक समूह के सदस्य समाज के प्रबुद्ध लोगों, सामाजिक संगठनों, सोशल मीडिया, कंप्यूटर आपात प्रतिक्रिया दल तथा विशेषज्ञों आदि से बातचीत कर सकते हैं. गौरतलब है कि 28 नवंबर को उच्च सदन में शून्यकाल के दौरान अन्नाद्रमक की विजिला सत्यानंद ने इंटरनेट पर बच्चों से जडी अश्लील सामग्री का मद्दा उठाते हए कहा था कि मोबाइल फोन और इंटरनेट पर बच्चों से जडी अश्लील सामग्री तक आसानी से पहंच होने की वजह से बाल उत्पीडन के मामले बढ़ रहे हैं. उन्होंने इंटरनेट एवं सोशल मीडिया पर ऐसी सामग्री की बहतायत होने का जिक्र करते हुए कहा कि लगभग हर दिन बच्चियों के यौन उत्पीडन की खबरें आती हैं. इस पर हस्तक्षेप करते हुए महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मति ईरानी ने कहा था कि बच्चों से जुडी अश्लील सामग्री वाली करीब 377 वेबसाइटों को हटा दिया गया है और बाल उत्पीडन के संबंध में 50 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं. स्मति ने यह भी कहा था कि इस तरह की किसी भी घटना की उन्हें तत्काल सूचना दी जाए ताकि तत्काल कार्रवाई की जा सके. अगले दिन, 29 नवंबर को सभापति नायडू ने सुझाव दिया था कि कुछ वरिष्ठ संसद सदस्य एक समूह बना कर इस संबंध में चर्चा के जरिये समाधान का प्रयास कर सकते हैं. सभापति ने कहा था कि यह आधिकारिक समिति नहीं होगी. लेकिन यह देश हित में किया जाने वाला एक कार्य होगा. मोबाइल फोन और इंटरनेट पर बच्चों से जडी अश्लील सामग्री तक आसानी से पहंच होने की वजह से बाल उत्पीडन के बढ़ते मामलों पर चिंता जताते हए नायड ने कहा था सदन में चर्चा के जरियेएकआम राय बनानी चाहिए. हम समाधान का रास्ता निकाल सकते हैं ताकि आवश्यक कार्रवाई की जा सके. यह एक गंभीर मुद्दा है और अभिभावक बच्चों को लेकर बहत चिंतित हैं सदन में मौजद सदस्यों ने नायड के इस सझाव पर सहमति जताई थी।
Friday, December 6, 2019